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क्या आप जानते हैं 9 ग्रहों के देवता कौन थे? सूर्य से केतु तक!

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क्या आप जानते हैं 9 ग्रहों के देवता कौन थे? सूर्य से केतु तक!

 

 

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हिंदू ज्योतिष में 9 ग्रहों के देवता (Navagraha) का विशेष स्थान है। ये ग्रह न केवल हमारे भाग्य को प्रभावित करते हैं, बल्कि हर ग्रह के पीछे एक दैवीय शक्ति और पौराणिक कथा छिपी है। इस लेख में हम आपको बताएँगे कि “9 ग्रहों के देवता कौन थे?”, उनके अच्छे-बुरे प्रभाव, और जीवन में इनकी कृपा पाने के आसान उपाय। साथ ही, JyotishAkhand.com के विशेषज्ञ विश्लेषण से समझेंगे कि कैसे ये ग्रह आपके रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करते हैं।


9 ग्रहों के देवता कौन थे? नवग्रह का ज्योतिषीय महत्व

नवग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु) हिंदू धर्म और ज्योतिष के आधार हैं। JyotishAkhand.com की शोध के अनुसार, इन ग्रहों की स्थिति हमारे स्वास्थ्य, करियर, और रिश्तों को सीधे प्रभावित करती है। आइए, विस्तार से जानते हैं 9 ग्रहों के देवता कौन थे और कैसे ये आपके जीवन को बदल सकते हैं।


1. 9 ग्रहों के देवता कौन थे? सूर्य देव और उनका महत्व

 

 

सूर्य, नवग्रह के प्रमुख देवता, जिन्हें “आदित्य” या “रवि” भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव भगवान शिव के तेज से उत्पन्न हुए हैं। ये ऊर्जा, प्रतिष्ठा और स्वास्थ्य के प्रतीक हैं।

अच्छे प्रभाव:
सूर्य के मजबूत होने पर व्यक्ति को नेतृत्व क्षमता, सरकारी नौकरी में सफलता, और पिता का सहयोग मिलता है। यह ग्रह आत्मविश्वास और हृदय की शक्ति बढ़ाता है।

बुरे प्रभाव:
कमजोर सूर्य से आँखों की समस्या, हृदय रोग, और अहंकार की भावना पैदा होती है। ऐसे में व्यक्ति को समाज में अपमान भी झेलना पड़ सकता है।

उपाय:
रविवार को गेहूँ दान करें और सूर्य को जल अर्पित करते हुए “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।


2. 9 ग्रहों के देवता कौन थे? चंद्र देव और उनका रहस्य

चंद्र देव को “सोम” नाम से भी जाना जाता है। पुराणों में चंद्र का जन्म समुद्र मंथन से हुआ माना गया है। ये मन, भावनाओं और मातृत्व का प्रतीक हैं।

अच्छे प्रभाव:
चंद्र के शुभ होने पर मानसिक शांति, रचनात्मकता, और व्यापार में लाभ मिलता है। यह ग्रह जल से जुड़े कार्यों (जैसे नौका विहार, मत्स्य पालन) में सफलता देता है।

बुरे प्रभाव:Fe
कमजोर चंद्र से डिप्रेशन, नींद की कमी, और माँ से मतभेद होते हैं। कभी-कभी यह जल्दबाजी में गलत निर्णय लेने की प्रवृत्ति भी पैदा करता है।

उपाय:
सोमवार को सफेद फूल शिवलिंग पर चढ़ाएँ और “ॐ सोम सोमाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।


3. 9 ग्रहों के देवता कौन थे? मंगल देव और उनकी शक्ति

 

मंगल देव, जिन्हें “भौम” या “अंगारक” भी कहते हैं, युद्ध और साहस के देवता हैं। पौराणिक कथाओं में इन्हें भगवान शिव और पार्वती के पुत्र के रूप में वर्णित किया गया है।

अच्छे प्रभाव:
मंगल के प्रबल होने पर व्यक्ति में निडरता, शारीरिक बल, और सेना/खेल क्षेत्र में सफलता आती है। यह ग्रह जमीन-संपत्ति के लाभ का भी संकेत देता है।

बुरे प्रभाव:
मंगल दोष से झगड़े, दुर्घटनाएँ, और रक्त संबंधी रोग हो सकते हैं। कुंडली में खराब मंगल विवाह में देरी का कारण भी बनता है।

उपाय:
मंगलवार को लाल मसूर की दाल दान करें और हनुमान जी की आराधना करें।


4. 9 ग्रहों के देवता कौन थे? बुध देव और उनकी बुद्धिमत्ता

बुध देव को ज्ञान और व्यापार का देवता माना जाता है। इनका जन्म चंद्र देव और दक्ष प्रजापति की पुत्री रोहिणी से हुआ था।

अच्छे प्रभाव:
बुध के शुभ होने पर तर्कशक्ति, वाणी में मधुरता, और शेयर बाजार जैसे जोखिम भरे क्षेत्रों में सफलता मिलती है। यह ग्रह गणित और विज्ञान में रुचि पैदा करता है।

बुरे प्रभाव:
कमजोर बुध से झूठ बोलने की आदत, नर्वसनेस, और पेट संबंधी समस्याएँ होती हैं।

उपाय:
बुधवार को हरे रंग के कपड़े पहनें और गणेश जी को दूर्वा घास अर्पित करें।


5. 9 ग्रहों के देवता कौन थे? गुरु देव और उनका ज्ञान

गुरु देव यानी बृहस्पति, जो ज्ञान और धर्म के प्रतीक हैं। इन्हें देवताओं के गुरु का दर्जा प्राप्त है।

अच्छे प्रभाव:
गुरु के शुभ होने पर उच्च शिक्षा, विदेश यात्रा, और आध्यात्मिक लाभ मिलता है। यह ग्रह पिता और गुरुओं का सम्मान बढ़ाता है।

बुरे प्रभाव:
कमजोर गुरु से अहंकार, धार्मिक अंधविश्वास, और वजन बढ़ने की समस्या होती है।

उपाय:
गुरुवार को पीले फूल विष्णु जी को अर्पित करें और “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करें।


6. 9 ग्रहों के देवता कौन थे? शुक्र देव और उनका वैभव (H3)

शुक्र देव, जिन्हें “भृगु ऋषि” का पुत्र माना जाता है, सुख-सुविधाओं और प्रेम के देवता हैं।

अच्छे प्रभाव:
शुक्र के प्रबल होने पर विवाह में सुख, कलात्मक प्रतिभा, और फैशन उद्योग में सफलता मिलती है।

बुरे प्रभाव:
कमजोर शुक्र से त्वचा रोग, विवाह विलंब, और अत्यधिक भोग-विलास की प्रवृत्ति होती है।

उपाय:
शुक्रवार को सफेद मिठाई दान करें और लक्ष्मी जी की पूजा करें।


7. 9 ग्रहों के देवता कौन थे? शनि देव और उनका न्याय

शनि देव, जिन्हें “कर्मफल दाता” कहा जाता है, न्याय और अनुशासन के प्रतीक हैं।

अच्छे प्रभाव:
शनि के शुभ होने पर दीर्घायु, स्थायी सफलता, और ईमानदारी से कमाई हुई संपत्ति मिलती है।

बुरे प्रभाव:
कमजोर शनि से गरीबी, हड्डी रोग, और कानूनी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

उपाय:
शनिवार को काले तिल का दान करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।


8. 9 ग्रहों के देवता कौन थे? राहु और उनका छाया प्रभाव

 

राहु, जो स्वर्ग और पाताल के बीच की कड़ी हैं, अचानक उतार-चढ़ाव लाते हैं।

अच्छे प्रभाव:
राहु के शुभ होने पर राजनीति या मीडिया में त्वरित सफलता मिलती है।

बुरे प्रभाव:
कमजोर राहु से नशे की लत, धोखेबाजी, और मानसिक अशांति होती है।

उपाय:
राहु काल में नीले रंग के कपड़े पहनें और भैरव जी की पूजा करें।


9. 9 ग्रहों के देवता कौन थे? केतु और उनका आध्यात्मिक रहस्य

 

केतु, जिन्हें मोक्ष का देवता माना जाता है, गुप्त ज्ञान और रहस्यों के स्वामी हैं।

अच्छे प्रभाव:
केतु के शुभ होने पर अंतर्ज्ञान, वैज्ञानिक शोध में सफलता, और आध्यात्मिक प्रगति होती है।

बुरे प्रभाव:
कमजोर केतु से अकेलापन, रहस्यमयी बीमारियाँ, और अस्पष्ट भय होता है।

उपाय:
केतु की शांति के लिए गाय को हरा चारा खिलाएँ और “ॐ केतवे नमः” मंत्र जाप करें।


JyotishAkhand.com का अंतिम विश्लेषण: नवग्रह की शक्ति को समझें

9 ग्रहों के देवता कौन थे? यह प्रश्न न केवल जिज्ञासा बल्कि जीवन की चुनौतियों को समझने की कुंजी है। JyotishAkhand.com के अनुसार, इन ग्रहों की पूजा और सही उपायों से आप इनके नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं। याद रखें, ग्रह आपके कर्मों का दर्पण हैं। अगर आप अपने कर्म शुद्ध रखें और नवग्रह की कृपा पाने के लिए नियमित प्रयास करें, तो जीवन की हर बाधा आसान हो जाएगी।

JyotishAkhand.com पर आपके लिए ऐसे ही रोचक ज्योतिषीय लेख और व्यक्तिगत समाधान उपलब्ध हैं। हमसे जुड़े रहें और अपने जीवन को ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा से भरें!

 

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